यदि नाथ का नाम दयानिधि है, तो दया भी करेंगें कभी न कभी दुखहारी हरि दुखिया जन के, दुःख क्लेश हरेंगे कभी न कभी || जिस अंग की शोभा सुहावनि है,जिस श्यामल रंग में मोहिनी है | उस रूप सुधा के सनेहियों के, दृग प्याले भरेंगे कभी न कभी || करुणानिधि नाम सुनाया जिन्हें, चरणामृत पान कराया जिन्हें | सरकार आपके चरणों में, नित वास करेंगे कभी न कभी || हम द्वार पै आपके आके खड़े, मुद्दत से इसी जिद पर हैं अड़े | भवसिन्धु तरे जो बड़े से बड़े, तो ‘बिन्दु’ तरेंगे कभी न कभी ||